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Corona period : कोरोनाकाल में माता-पिता से बिछड़े बच्चों का शिशु गृह में धर्मांतरण, संचालक के खिलाफ FIR दर्ज

रायसेन, 13नवंबर (इ खबर टुडे)। मध्य प्रदेश के रायसेन से तीन हिंदू बच्चों को मुस्लिम पहचान दिए जाने का मामला सामने आया है। खबर है कि ये बच्चे कोरोनावायरस महामारी के दौरान माता-पिता से बिछड़ गए थे। मामले को लेकर राष्ट्रीय बाल आयोग भी सक्रिय हो गया है। इधर, अधिकारियों ने शिशु गृह का रिकॉर्ड जब्त कर लिया है। साथ ही पुलिस भी संचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर सकती है। विस्तार से समझते हैं।

मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नजदीकी जिला रायसेन का है। यहां गौहरगंज स्थित सरकारी अनुदान प्राप्त एक शिशु गृह में तीन बच्चे रह रहे थे। इनमें एक लड़का और दो लड़कियां हैं। इन बच्चों की उम्र 4 से 8 वर्ष के बीच है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिशु गृह के संचालक हसीन परवेज ने बच्चों के नाम बदलकर मुस्लिम कर दिए और उनके नए आधार कार्ड भी बनवा दिए। इतना ही नहीं आधार कार्ड में बच्चों के माता-पिता की जगह परवेज का ही नाम दर्ज है।

साल 2020 में ये बच्चे भोपाल में ही भटकते पाए गए थे। उस दौरान भोपाल कल्याण समिति ने उन्हें रायसेन बाल कल्याण समिति को सौंपा। बाद में माता-पिता की खोज होने तक उन्हें गौहरगंज के गोदी शिशु गृह में रखा गया था। इसका संचालन नवजीवन सामाजिक संस्था के जिम्मे है।

ऐसे हुआ खुलासा
कुछ वक्त पहले NCPCR अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो मौखिक शिकायत मिलने पर शिशु गृह का निरीक्षण करने पहुंचे थे। उस दौरान उन्होंने जब बच्चों से बात की तो बच्चों ने खुद बताया कि पहले उनका नाम कुछ और था, लेकिन बाद में उनका नाम बदल दिया गया। बच्चों की पहचान में बदलाव की बात सामने आने के बाद उन्होंने मामले की जांच की बात कही है। रिकॉर्ड जब्त करने के आदेश दिए। बच्चों की उम्र चार से छह साल के बीच की बताई जा रही है। वहीं, इस मामले पर संचालक का कहना है कि जो शख्स बच्चों को छोड़ने आया था, उसने बच्चों के नाम दूसरे धर्म के बताए थे। एक बच्चे के पिता की जानकारी मिल गई है, जबकि उसकी मां की तलाश की जा रही है, बच्चे का पिता दमोह में रहता है।

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